Best 15 Monsoon Destinations in India| मानसून में घूमने की 15 सुरक्षित और खूबसूरत जगहें 

Best 15 Monsoon Destinations in India : नमस्ते प्यारे दोस्तों क्या आपको लगता है कि बारिश में घर बैठकर चाय पीना और पकौड़े खाना ही सबसे बढ़िया है? अगर हाँ, तो यह ब्लॉग आपकी सोच बदल देगा! भारत में मानसून सिर्फ गर्मी से राहत नहीं, बल्कि प्रकृति के सबसे रंगीन चेहरे को देखने का मौका है। 

आज हम आपको बताएंगे बारिश में घूमने वाली 15 जगहें, जहाँ झरने गाते हैं, पहाड़ियाँ हँसती हैं, और बादल आपके साथ फोटो खिंचवाने को तैयार रहते हैं। साथ ही, आपको मिलेंगे SEO-फ्रेंडली टिप्स, सुरक्षा गाइडलाइन्स, और लोकल फ़ूड की जानकारी जो गूगल पर टॉप रैंक करेगी। चलिए, शुरू करते हैं!

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Table of Contents

Best 15 Monsoon Destinations in India

मानसून में क्यों घूमें? 

  1. कम भीड़: गर्मी और सर्दी के मुकाबले मानसून में टूरिस्ट कम होते हैं, आराम से घूमें।
  2. हरियाली का जादू: पहाड़, जंगल, नदियाँ सब हरे-भरे कालीन की तरह नजर आते हैं।
  3. सस्ती ट्रिप: होटल और टूर पैकेज मानसून में सस्ते मिलते हैं।
  4. एडवेंचर का मौका: ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, और वॉटरफॉल रैपेलिंग जैसी एक्टिविटीज का मज़ा।

1. मुन्नार, केरल: चाय के बागानों का हरा साम्राज्य 

Best 15 Monsoon Destinations in India

मुन्नार

मुन्नार की पहाड़ियाँ मानसून में एक जीवंत पेंटिंग की तरह नजर आती हैं। यहां चाय के बागान हरे-भरे कालीन की तरह फैले होते हैं, और बारिश की बूंदे पत्तों पर मोतियों सी चमकती हैं। यहाँ का एराविकुलम नेशनल पार्क नीलगिरी तहर (दुर्लभ नीले भेड़) के लिए प्रसिद्ध है, जो केवल इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं। 

पार्क में ट्रेकिंग करते हुए आप 100 से ज़्यादा प्रजातियों के फूलों की खुशबू महसूस कर सकते हैं। नीलकुरिंजी फूल, जो 12 साल में एक बार खिलता है, 2030 में फिर से देखने को मिलेगा। इसके अलावा, मट्टुपेट्टी डैम और अट्टुकल झरना भी मानसून में अपने पूरे शबाब पर होते हैं। 

झरने की गर्जना इतनी तेज होती है कि दूर से ही सुनाई देती है। स्थानीय चाय संग्रहालय में जाकर आप चाय बनाने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं और ताज़ी चाय की चुस्की ले सकते हैं।

स्थानीय खाने में केरल का शाकाहारी थाली “सद्या” एक अनोखा अनुभव है, जिसमें 26 व्यंजन केले के पत्ते पर परोसे जाते हैं। अप्पम-स्टू (नारियल के दूध वाली सब्जी और क्रिस्पी पैनकेक) भी ज़रूर ट्राई करें। 

ट्रैवल टिप्स: भारी बारिश के दिनों में ट्रेकिंग से बचें, क्योंकि पहाड़ियाँ फिसलनभरी हो सकती हैं। सितंबर में जाने का प्लान बनाएं ताकि नीलकुरिंजी फूल के ब्लूम का मौका न चूकें।

2. कोडाइकनाल, तमिलनाडु: प्रिंसेस ऑफ हिल स्टेशन्स 

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कोडाइकनाल

कोडाइकनाल, जिसे “हिल स्टेशनों की रानी” कहा जाता है, मानसून में बादलों और धुंध के बीच एक रहस्यमयी आकर्षण बन जाता है। यहाँ की कोडाइकनाल झील बारिश में विशेष रूप से सुंदर लगती है। झील के किनारे घोड़े की सवारी करना या नाव चलाना परिवार के साथ समय बिताने का शानदार तरीका है। 

पिल्लर रॉक्स एक प्राकृतिक चट्टानी संरचना है, जहाँ से बादलों को हाथ लगाने जैसा एहसास होता है। ब्रायंट पार्क में 325 प्रजातियों के फूल और पौधे हैं, जो बारिश में ताज़गी से भर जाते हैं। कुक्कल केव गुफाएँ सात झरनों से घिरी हैं, जहाँ पानी की ध्वनि मन को शांति देती है।

यहाँ की होममेड चॉकलेट दुनिया भर में मशहूर है। मार्केट में मिलने वाली डार्क चॉकलेट से लेकर ऑरेंज-फ्लेवर वाली चॉकलेट तक सब कुछ ट्राई करें। स्थानीय नाश्ते में पनियारम (क्रिस्पी राइस बॉल्स) और नारियल की चटनी का स्वाद लें। कुक्कल कॉफ़ी: स्थानीय कॉफ़ी एस्टेट से ताज़ा पिसी हुई कॉफी।

ट्रैवल टिप्स: गप्पी घाटी में पत्थर फिसल सकते हैं, इसलिए ट्रैकिंग जूते पहनकर ही चलें। मानसून में होटल की कीमतें कम होती हैं, इसलिए पहले से बुकिंग कर लें।

3. शिलांग, मेघालय: क्लाउड्स का प्लेग्राउंड

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शिलांग

शिलांग, जिसे “पूर्व का स्कॉटलैंड” कहा जाता है, मानसून में प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बन जाता है। यहाँ के लिविंग रूट ब्रिज प्रकृति और मानवीय मेहनत का अद्भुत उदाहरण हैं। ये पुल फ़िकस के पेड़ों की जड़ों से बने होते हैं और सदियों से स्थानीय खासी जनजाति द्वारा संरक्षित हैं।डबल डेकर रूट ब्रिज (उम्शियांग) दुनिया का एकमात्र दो मंजिला प्राकृतिक पुल है। नोहकलिकाई झरना 1115 फीट की ऊँचाई से गिरता है और बारिश में इसका नजारा और भी भव्य हो जाता है।

स्थानीय खाना:

  • जादोह: चावल के साथ पोर्क या चिकन की करी।
  • पुटाओ: चावल की बियर, स्थानीय लोगों के साथ पीने का अनुभव लें।

ट्रैवल टिप्स:

  • वाटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज और रेनकोट ज़रूर ले जाएँ।
  • स्थानीय गाइड के बिना जंगलों में न घुसें।

4. उदयपुर, राजस्थान: झीलों वाला शहर 

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उदयपुर

मानसून में उदयपुर की झीलें लबालब भर जाती हैं, और शहर के महल पानी में अपनी परछाईं दिखाते हैं। सिटी पैलेस से पिछोला झील का नज़ारा लेना यहाँ का हाइलाइट है। मानसून पैलेस (सज्जनगढ़) शहर के सबसे ऊँचे बिंदु पर स्थित है, जहाँ से बादलों को छूने का एहसास होता है। जगदीश मंदिर की नक्काशीदार मूर्तियाँ और स्तंभ बारिश में और भी चमकदार दिखते हैं।

स्थानीय खाना:

  • दाल बाटी चूरमा: घी वाली दाल और क्रिस्पी बाटी।
  • घेवर: बारिश के मौसम में बनने वाली मिठाई, शाही स्वाद के लिए फेमस।

ट्रैवल टिप्स:

  • झील क्रूज बुक करते समय वेदर फोरकास्ट चेक कर लें।
  • जुलाई में होने वाले हरियाली अमावस्या मेले में शामिल हों।

5. लोनावाला, महाराष्ट्र: मुंबईकरों की पसंदीदा पहाड़ी 

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लोनावाला

मुंबई और पुणे से सिर्फ 2-3 घंटे की दूरी पर यह हिल स्टेशन बारिश में ट्रेकर्स और फोटोग्राफर्स का स्वर्ग बन जाता है।

क्यों जाएँ?

  • भुजा डैम: यहाँ का झरना बारिश में इतना तेज बहता है कि पिकनिक मनाने वालों को स्प्रे में भीगना पड़ता है।
  • कार्ला गुफाएं: 2000 साल पुरानी बौद्ध गुफाएँ, जहाँ बारिश में प्राकृतिक छन्नी से पानी टपकता है।
  • राजमाची ऑर्गेनिक फार्म: ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती देखें और फ्रेश सलाद खाएं।

स्थानीय खाना:

  • वड़ा पाव: महाराष्ट्र का स्ट्रीट फूड किंग, चटनी के साथ परफेक्ट।
  • चिक्की: मूंगफली या तिल की क्रंची टॉफी, सर्दी में खाने का मज़ा।

ट्रैवल टिप्स:

  • लोनावाला-खंडाला रोड पर ड्राइव करते समय स्पीड कम रखें।
  • मानसून फेस्टिवल में लोकल डांस और म्यूज़िक का आनंद लें।

6. वैली ऑफ फ्लावर्स, उत्तराखंड: फूलों का समंदर 

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वैली ऑफ फ्लावर्स

यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में मानसून में खिलने वाले 500+ फूलों का नज़ारा किसी सपने से कम नहीं।

क्यों जाएँ?

  • ब्रह्मकमल: यह दुर्लभ फूल हिमालय की ऊंचाइयों पर केवल मानसून में खिलता है।
  • हेमकुंड साहिब: सिखों का पवित्र गुरुद्वारा, जहाँ ट्रैक के दौरान प्राकृतिक झरने और घास के मैदान मिलते हैं।
  • गोविंदघाट: ट्रैक का बेस पॉइंट, यहाँ से घोड़े या पालकी की सवारी भी कर सकते हैं।

स्थानीय खाना:

  • काफली: पालक और मटर से बनी गढ़वाली डिश।
  • सिसौण का साग: हिमालयी बथुआ, जो पोषण से भरपूर है।

ट्रैवल टिप्स:

  • ट्रेकिंग परमिट के लिए पहले से आवेदन करें।
  • जुलाई-अगस्त के बीच जाएँ, सितंबर में फूल मुरझाने लगते हैं।

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7. गोवा: बारिश में शांत समुद्र तट

मानसून में गोवा के बीच खाली हो जाते हैं, लेकिन हरियाली और स्पाइस प्लांटेशन्स का मज़ा लिया जा सकता है।

क्यों जाएँ?

  • दूधसागर झरना: यह झरना बारिश में इतना विशाल हो जाता है कि ट्रेन से गुजरते हुए इसका नजारा लिया जाता है।
  • स्पाइस प्लांटेशन टूर: काली मिर्च, इलायची, और दालचीनी की खेती देखें।
  • फोंटेनहास: गोवा का सबसे पुराना लाइट हाउस, जहाँ से बारिश में समुद्र का व्यू लें।

स्थानीय खाना:

  • सॉरपोटल: पोर्क और मसालों से बनी गोवन करी।
  • बेबिंका: नारियल और घी से बनी परतदार मिठाई।

ट्रैवल टिप्स:

  • बीच शैक्स बंद होते हैं, इसलिए होमस्टे या रिसॉर्ट बुक करें।
  • मानसून फेस्टिवल (साओ जोआओ) में नाव रेस और फलों की दावत में शामिल हों।

8. कोर्ग, कर्नाटक: स्कॉटलैंड ऑफ इंडिया

कॉफी के बागान, झरने, और कोडवा जनजाति की संस्कृति—यही कोर्ग को खास बनाती है।

क्यों जाएँ?

  • अब्बी फॉल्स: बारिश में यह झरना इतना तेज बहता है कि इसकी आवाज 1 किमी दूर से सुनाई देती है।
  • ताला कावेरी: कावेरी नदी का उद्गम स्थल, जहाँ मानसून में पानी का प्रवाह बढ़ाता है।
  • राजा सीट: यहां से कोर्ग की घाटियों का पैनोरमिक व्यू लें।

स्थानीय खाना:

  • पंडी करी: सूअर के मांस की करी, कोडवा खाने का स्पेशलिटी।
  • अक्की रोटी: चावल के आटे से बनी रोटी, नारियल चटनी के साथ।

ट्रैवल टिप्स:

  • कॉफ़ी एस्टेट्स में स्टे करें और प्लांटेशन वॉक का मज़ा लें।
  • लीच के पानी से बचने के लिए मॉस्किटो रेपेलेंट ले जाएँ।

9. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल: चाय और टॉय ट्रेन का नजारा 

मानसून में दार्जिलिंग की चाय की पत्तियां चमक उठती हैं, और धुंध में डूबी टॉय ट्रेन का अनुभव अद्भुत होता है।

क्यों जाएँ?

  • दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे: यूनेस्को हेरिटेज ट्रेन जो बारिश में बादलों के बीच से गुजरती है।
  • टाइगर हिल: सुबह 4 बजे उठकर कंचनजंगा के सूर्योदय का नज़ारा लें।
  • पद्मजा नाइडू चिड़ियाघर: लाल पांडा और हिमालयी भालू देखने का मौका।

स्थानीय खाना:

  • थुपका: तिब्बती नूडल सूप, बारिश में गर्माहट देता है।
  • चुरपी: स्थानीय पनीर जो सूप और सलाद में डाला जाता है।

ट्रैवल टिप्स:

  • टॉय ट्रेन का टिकट ऑनलाइन पहले से बुक करें।
  • चाय एस्टेट्स में जाकर ऑर्गेनिक चाय की खरीदारी करें।

10. महाबलेश्वर, महाराष्ट्र: स्ट्रॉबेरी और मिस्टी व्यू 

महाबलेश्वर में मानसून स्ट्रॉबेरी के सीजन को विदा करता है, लेकिन घाटियों का नज़ारा बेहतरीन होता है।

क्यों जाएँ?

  • आर्थर सीट: यहाँ से देखने पर लगता है बादल आपके पैरों के नीचे बह रहे हैं।
  • प्रतापगढ़ किला: शिवाजी महाराज द्वारा बनवाया गया यह किला बारिश में हरा-भरा नज़र आता है।
  • लिंगमला फॉल्स: ट्रेकिंग करके इस झरने तक पहुँचें और प्राकृतिक जलाशय में नहाएँ।

स्थानीय खाना:

  • स्ट्रॉबेरी जैम: फ्रेश स्ट्रॉबेरी से बना, ब्रेड या परांठे के साथ परफेक्ट।
  • भुट्टा (कॉर्न): चटनी या नींबू के साथ ग्रिल किया हुआ भुट्टा।

ट्रैवल टिप्स:

  • मानसून में स्ट्रॉबेरी फार्म्स बंद होते हैं, लेकिन जैम और सिरप की खरीदारी कर सकते हैं।
  • वेन्ना लेक पर बोटिंग करते समय लाइफ जैकेट पहनें।

11. पुणे, महाराष्ट्र: एडवेंचर और संस्कृति का मेल 

पुणे सिर्फ IT हब नहीं, बल्कि मानसून में ट्रेकिंग और ऐतिहासिक किलों के लिए भी फेमस है।

क्यों जाएँ?

  • सिंहगढ़ किला: मानसून में यहाँ की ट्रेक चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक होती है।
  • खड़कवासला झील: बारिश में झील के किनारे साइकिल चलाने का मज़ा लें।
  • आगा खान पैलेस: स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े इस संग्रहालय में इतिहास की झलक देखें।

स्थानीय खाना:

  • मिसल पाव: स्पाइसी मिसल और नरम पाव का कॉम्बो।
  • भकरवडी: चावल के आटे से बनी मीठी डिश।

ट्रैवल टिप्स:

  • ट्रैक पर जाते समय ग्रुप बनाकर चलें और गाइड साथ लें।
  • पुणे के स्ट्रीट फूड जैसे वड़ा पाव और भेल पूरी ज़रूर ट्राई करें।

12. अल्मोड़ा, उत्तराखंड: कुमाऊं की रानी 

अल्मोड़ा की पहाड़ियां मानसून में बादलों से लिपटी रहती हैं, और यहाँ के मंदिरों में शांति का एहसास होता है।

क्यों जाएँ?

  • कसार देवी मंदिर: हिप्पी संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र।
  • बिनसर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी: हिरण, लेपर्ड और 200+ पक्षियों की प्रजातियाँ।
  • जागेश्वर मंदिर: 12वीं सदी के शिव मंदिर, जहाँ बारिश में प्राकृतिक झरने बहते हैं।

स्थानीय खाना:

  • बाल मिठाई: खोया और चीनी से बनी मिठाई, अल्मोड़ा की स्पेशलिटी।
  • रास (भांग की चटनी): स्थानीय पारंपरिक डिश।

ट्रैवल टिप्स:

  • बिनसर ट्रेक के लिए अच्छे जूते और रेनकवर ले जाएँ।
  • होमस्टे में रहकर कुमाऊँनी संस्कृति को करीब से जानें।

13. पोंडा, गोवा: स्पाइस और वाइन का शहर 

पोंडा गोवा का वह हिस्सा है जहाँ समुद्र तट नहीं, लेकिन स्पाइस प्लांटेशन्स और झरने हैं।

क्यों जाएँ?

  • सावरी वॉटरफॉल्स: बारिश में यह झरना शक्तिशाली रूप ले लेता है।
  • भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य: गोवा का सबसे बड़ा वन्यजीव पार्क।
  • श्री मंगेशी मंदिर: 450 साल पुराना मंदिर, जहाँ शांति और आध्यात्म मिलता है।

स्थानीय खाना:

  • काजू कॉन्ट्राटा: काजू और नारियल से बनी करी।
  • सन्ना: चावल से बनी स्पंजी इडली, मछली करी के साथ।

ट्रैवल टिप्स:

  • स्पाइस प्लांटेशन टूर में फ्री लंच का लुत्फ़ उठाएँ।
  • मानसून में यहां के वाइन यार्ड्स टूर करना न भूलें।

14. माथेरान, महाराष्ट्र: नो व्हीकल जोन 

एशिया का एकमात्र हिल स्टेशन जहाँ गाड़ियां नहीं जाती। बारिश में यहाँ टहलना और घोड़े की सवारी का मज़ा ही कुछ और है।

क्यों जाएँ?

  • पनोरमा पॉइंट: यहाँ से सूर्यास्त का नजारा बारिश के बाद साफ आसमान में लें।
  • लुईस पॉइंट: चट्टानों से घिरा यह व्यूपॉइंट एडवेंचर लवर्स को पसंद आएगा।
  • शॉपिंग: लेदर के चप्पल और स्ट्रॉबेरी जैम खरीदें।

स्थानीय खाना:

  • भाजी: स्थानीय पालक या मेथी से बनी सब्जी।
  • मोमोज: तिब्बती स्टाइल में बनाए गए मोमोज़।

ट्रैवल टिप्स:

  • नेरल से माथेरान तक टॉय ट्रेन की सवारी ज़रूर करें।
  • पैदल चलने के लिए आरामदायक जूते पहनें।

15. जोग फॉल्स, कर्नाटक: एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा झरना

मानसून में जोग फॉल्स चार अलग-अलग धाराओं में बँट जाता है—राजा, राकेट, रोरर, और रानी।

क्यों जाएँ?

  • व्यू पॉइंट्स: झरने के सामने और ऊपर से नज़ारे लें।
  • लिंगनमक्की डैम: बारिश में डैम के गेट खुलने पर पानी का गिरना देखें।
  • शरवती नदी राफ्टिंग: एडवेंचर के शौकीनों के लिए परफेक्ट।

स्थानीय खाना:

  • नेवरी डोसा: चावल और दाल से बनी क्रिस्पी डोसा।
  • कोरिगज्जा रोटी: गन्ने के रस से बनी मीठी रोटी।

ट्रैवल टिप्स:

  • झरने के पास फिसलन होती है, बच्चों का ध्यान रखें।
  • अक्टूबर तक झरना पूरी क्षमता पर होता है।

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मानसून ट्रैवल के लिए गोल्डन टिप्स 

  1. पैकिंग लिस्ट:
    • वाटरप्रूफ बैग, क्विक-ड्राई कपड़े, एक्स्ट्रा स्लीपर्स।
    • पावर बैंक और फोन का वाटरप्रूफ कवर।
  2. स्वास्थ्य सावधानियां:
    • मच्छर भगाने वाली क्रीम, डेंगू-मलेरिया की दवा।
    • पीने का पानी हमेशा साथ रखें।
  3. फोटोग्राफी टिप्स:
    • कैमरा को वाटरप्रूफ कवर से सुरक्षित रखें।
    • बारिश की बूंदों को कैप्चर करने के लिए मैक्रो लेंस यूज़ करें।
  4. ट्रांसपोर्टेशन:
    • पहाड़ी इलाकों में लोकल ड्राइवर की गाड़ी हायर करें।
    • ट्रेन या फ्लाइट की बुकिंग में देरी से बचने के लिए बफर डेज रखें।
  5. इको-फ्रेंडली टूरिज्म:
    • प्लास्टिक की बोतलें न ले जाएँ, स्टील का बॉटल यूज़ करें।
    • ट्रेकिंग के दौरान कचरा अपने साथ वापस लाएं।

निष्कर्ष: बारिश में घूमने का मज़ा ही कुछ और है!

मानसून भारत को एक नए रूप में पेश करता है। चाहे आप एडवेंचर के दीवाने हों या शांति की तलाश में, ये 15 जगहें आपके लिए परफेक्ट हैं। बस कुछ टिप्स फॉलो करें, सावधानी बरतें, और प्रकृति के इस जादू को करीब से महसूस करें। तो फिर देर किस बात की? अपना बैग पैक करें और बारिश की बूंदों के साथ नए अनुभवों की बौछार में भीग जाए! 

क्या आपको यह गाइड मददगार लगी? कमेंट में बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें! 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) 

Q1. क्या मानसून में घूमना सुरक्षित है?

हाँ, अगर आप मौसम अपडेट चेक करें, सुरक्षित रास्ते चुनें, और इमरजेंसी किट साथ ले जाएँ।

Q2. बारिश में कौन से कपड़े पहने?

कॉटन के बजाय सिंथेटिक या क्विक-ड्राई फैब्रिक चुनें। वाटरप्रूफ जैकेट और ट्रैकिंग शूज ज़रूर पहनें।

Q3. मानसून में किन जगहों से बचें?

भारी बारिश वाले इलाके जैसे चेरापूंजी या कोंकण क्षेत्र में लैंडस्लाइड का खतरा होता है।

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